बालों का गिरना कैसे रोकें ? जानिये कुछ घरेलू नुस्खे
बालों का गिरना कैसे रोकें ?
आजकल, बालों का झड़ना आम समस्या बन गई है और विश्वभर में लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं। रोज़ाना बाजार में उपलब्ध विभिन्न उत्पादों के कारण यह समस्या और भी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
बालों का झड़ना सभी के लिए चिंता का विषय होता है क्योंकि यह आपकी व्यक्तिगतता पर असर डालता है और आप अपनी आयु से ज्यादा दिख सकते हैं। यदि आप युवा हैं तो स्वस्थ बालों की आवश्यकता होती है, क्योंकि बालों की कमी न केवल आपकी दिखावट पर असर डालती है, बल्कि यह आपकी शादी में भी असुविधा उत्पन्न कर सकती है, जिससे आपको तनाव और डिप्रेशन का सामना करना पड़ सकता है।
हालांकि हमारे देश में एलोपैथिक दवाओं की विस्तारपूर्ण उपलब्धता होने के बावजूद, माताएं यह सुनिश्चित करने की कोशिश करती हैं कि अधिकांश समस्याओं का उपचार दादी-नानी के पारंपरिक नुस्खों से किया जाए। एलोपैथिक दवाओं में कई प्रकार के साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, जो शरीर के लिए हानिकारक होते हैं। इसलिए, घरेलू नुस्खों पर भरोसा करना विवेकपूर्ण है।
ये घरेलू नुस्खे हमारे देश में प्राचीनकाल से मौजूद हैं और आयुर्वेदिक ज्ञानी महर्षि चरक ने इनकी खोज की थी, जो हमारे धरोहर में छिपे हैं। हालांकि ये घरेलू नुस्खे कई तरह की समस्याओं के इलाज में मदद कर सकते हैं, लेकिन उनका प्रभाव सीमित होता है। अगर आप इन्हें सही तरीके से प्रयोग नहीं करते हैं, तो आपको उनका कोई असर नहीं मिल सकता है। केवल आपका समय और प्रयास बर्बाद हो सकता है। कुछ लोगों के लिए शुद्ध सामग्री प्राप्त करना भी मुश्किल हो सकता है, और अधूरे प्रयोग से नुकसान हो सकता है।
वैद्यकीय दृष्टिकोण से हेयरफॉल के मुख्य कारण निम्नलिखित होते हैं:
1. आनुवांशिकता, जिसमें परिवारिक विरासत से यह समस्या मिलती है।
2. खारे पानी से बालों की धुलाई करना।
3. शक्तिशाली दवाओं का उपयोग करना।
4. आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से, दोष असंतुलन भी बालों का झड़ने का कारण हो सकता है।
5. अत्यधिक तनाव या अन्य मानसिक परेशानियाँ।
6. गलत प्रकार के उत्पादों का प्रयोग करना।
7. परिवर्तित मौसम या स्थान।
8. महिलाओं में, हार्मोनल परिवर्तन भी बालों के झड़ने का कारण हो सकता है।
इसके साथ ही, यह दिलचस्प बात है कि बालों के झड़ने से व्यक्ति को तनाव बढ़ता है और तनाव के कारण बाल और भी तेजी से झड़ते हैं। इस परिस्थिति में, व्यक्ति क्या करें?
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम सभी को स्वीकार कर लेना चाहिए कि बालों का झड़ना खांसी, ज़ुखाम आदि की तरह एक सामान्य समस्या है।
जैसे हम अन्य बीमारियों का इलाज करते हैं, ठीक वैसे ही हमें इसे रोकने के लिए शांतिपूर्ण तरीकों पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
क्या आयुर्वेद में इस समस्या का समाधान है?
हमारे देश में पुराने समय से आयुर्वेद की महत्ता बनी हुई है। आयुर्वेद के अनुसार, इंसान के शरीर में किसी भी परिवर्तन को तीन दोषों - वात, पित्त और कफ - से जोड़ा जाता है। बालों के झड़ने की समस्या का समाधान भी इन दोषों के संतुलन में छिपा होता है।
आयुर्वेद के अनुसार, बालों का झड़ना अक्सर वात और पित्त दोष के असंतुलन से होता है, इसलिए उनके संतुलन को सुधारने पर जोर देना चाहिए।
बालों के झड़ने को रोकने के लिए कुछ सरल घरेलू उपाय हो सकते हैं। हम इस लेख में कुछ आसान घरेलू नुस्खे और जीवनशैली में परिवर्तन की सलाह दे रहे हैं:
1. गहरी और पर्याप्त नींद लेना: यह कई प्रकार के हार्मोन के लिए फायदेमंद होता है, जिनमें से एक हार्मोन बालों के झड़ने से भी संबंधित हो सकता है। इसलिए आवश्यकता अनुसार पर्याप्त नींद लेना बहुत महत्वपूर्ण है।
2. योग और प्राणायाम: रोज़ सुबह कुछ समय योग और प्राणायाम करना मानसिक शांति और त्रिदोष संतुलन में मदद कर सकता है, जिससे बालों के झड़ने को रोका जा सकता है।
3. दोष संतुलन पर ध्यान: दोष के असंतुलन से बालों का झड़ना बढ़ सकता है, इसलिए दोष संतुलन पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इसके लिए सही समय पर पौष्टिक आहार लेना आवश्यक है।
भोजन में निम्नलिखित तथ्यों का ध्यान देना चाहिए:
1. ज्यादा मिर्च और मसालेदार खाने से परहेज़ करना चाहिए।
2. पित्त शांत करने वाले फलों का सेवन करना चाहिए, जैसे कि सेब, अंजीर, खजूर, अनार, एवोकाडो, खरबूजा आदि।
3. पित्त शांत करने वाली सब्ज़ियां खानी चाहिए, जैसे कि शकरकंद, शतावर (ऐस्पैरागस), फूलगोभी, अंकुरित अनाज आदि।
4. चोकरयुक्त गेहूं के आटे की रोटी का सेवन करना चाहिए।
5. दुग्ध उत्पादों का अत्यधिक सेवन करना चाहिए, जैसे कि दूध, दही, मट्ठा, घी आदि।
सर की त्वचा की प्रकृति – कैसे करें समाधान?
सर की त्वचा अत्यंत शुष्क होने पर बाल जल्दी पतले हो सकते हैं। जड़ें कमजोर हो जाती हैं और बाल आसानी से टूट सकते हैं। बालों के झड़ने और सफ़ेद होने का संबंध सर की त्वचा से होता है। आयुर्वेदिक विज्ञान के अनुसार, बाल सात धातुओं से प्रभावित होते हैं, लेकिन इसका प्रमुख संबंध अस्थि धातु से होता है। शरीर की त्वचा, हड्डियाँ और बाल अस्थि धातु से आते हैं। इसलिए सर की त्वचा का सही देखभाल करना आवश्यक है।
सर की त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए पर्याप्त नमी (हाइड्रेशन) महत्वपूर्ण है, जिसके लिए प्रतिदिन अधिक से अधिक पानी पिना चाहिए। नियमित रूप से आयुर्वेदिक तेल से सर की मालिश करना भी महत्वपूर्ण है।
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नियमित आयुर्वेदिक तेल मालिश के कुछ फायदे:
- तेल मालिश करने से रोमकूप खुल जाते हैं।
- तेल में मौजूद जड़ीबूटियाँ बालों को पोषण प्रदान करती हैं।
- तेल मालिश से बाल काले, घने और मजबूत होते हैं।
- नियमित तेल मालिश से सर से जुड़े अन्य रोग भी दूर हो सकते हैं।
यद्यपि बाजार में कई आयुर्वेदिक उत्पाद मिलते हैं, किन्तु LHC HERBAL HAIR OIL प्रमुख और विश्वसनीय तेलों में से एक माना जाता है। इसमें अनेक जड़ीबूटियों के गुण होते हैं, जो बालों के स्वास्थ्य के लिए कारगर हैं।
आयुर्वेदिक हेयर मास्क का भी प्रयोग बालों को पोषण प्रदान करने में किया जाता है। इसके लिए आप प्राचीन लेपों का उपयोग कर सकते हैं, जैसे कि प्याज का रस, आंवला, ब्राह्मी की पत्तियाँ और अश्वगंधा।
LHC उत्पादों में इन जड़ीबूटियों के गुण मिलते हैं, जो आपके बालों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं और उन्हें सुंदर और मजबूत बनाने में मदद करते हैं। इसके उपयोग से आप बालों से जुड़ी समस्याओं से राहत पा सकते हैं।
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अंत में बस यही कि LHC हेयर ऑयल और शैम्पू आयुर्वेदिक उत्पादों की दुनिया में एक विश्वसनीय नाम है, और मुख्य रूप से सभी उत्पाद बालों की झड़ने की समस्या को आयुर्वेदिक ढंग से ठीक करने की विचारधारा से बनाए गए हैं।
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